वृन्दावन का इतिहास
वृन्दावन, उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक नगर है। यहाँ का ऐतिहासिक महत्व भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा है और इसे भगवान कृष्ण के जीवन के कई अलौकिक घटनाओं का केंद्र माना जाता है। वृन्दावन में विशाल संख्या में श्रीकृष्ण और राधा रानी के मंदिर हैं, जिसके दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
15वीं शदी में, चैतन्य महाप्रभु ने अपनी ब्रजयात्रा के समय वृन्दावन और कृष्ण कथा से संबंधित कई अन्य स्थानों को पहचाना। ऐसा माना जाता है की चैतन्य महाप्रभु ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति से ही सभी पवित्र स्थानों का पता लगाया था। रासस्थली, वंशीवट, और कालीया घाट जैसे स्थल भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं से जुड़े हुए हैं।
वृन्दावन के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
1. वृंदावन का नामकरण: तुलसी के पौधे को वृंदा भी बोलते है और प्राचीन समय में यहाँ तुलसी के पौधे बहुत पाए जाते थे इस लिए इसका नाम वृन्दावन पड़ा।
2. प्राचीनता: वृंदावन को 5000 वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है, जिसे द्वापर युग में भगवान कृष्ण और राधा का निवास स्थान माना जाता है।
3. रंगमहल का श्रृंगार: रंगमहल मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा रानी के लिए रोज़ रात को श्रृंगार का सामान रखा जाता है और यहाँ भक्तो को प्रसाद के रूप में भी श्रंगार का समान ही मिलता है।
4. अद्वितीय मंदिर: वृंदावन में एक मंदिर है जिसके खुलने और बंद होने का समय निश्चित होता है, लेकिन वहां ताले या चाबी का प्रयोग नहीं होता। माना जाता है कि ये मंदिर भगवान की इच्छा से खुलते और बंद होते हैं।
5. गौशाला: वृंदावन में गायों को पवित्र माना जाता है, और वहां कई गोशालाएं हैं जहाँ गायों की सेवा की जाती है।
6. पवित्र सरोवर: वृंदावन में कई पवित्र कुंड और सरोवर हैं जिनका धार्मिक महत्व है, और माना जाता है कि इनमें स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
7. निधिवन की अनोखी विशेषता: वृंदावन का निधिवन अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाना जाता है, यह रंग महल के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रात को रंग महल में भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला रचाने के लिए आते हैं। ऐसा बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के इस रास को जिसने देखा वो पागल हो गया या उसकी मौत हो गई। इसी कारण से निधिवन में रात को अंदर जाने की मनाही है।
8. श्री बांके बिहारी मंदिर: श्री बांके बिहारी मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता मान्यता है की श्री बांके बिहारी बहुत ही शांत स्वभाव के है और उन्हें ज्यादा शोर शराबा पसंद नहीं है इस लिए इस मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता है।
9 . राधा दामोदर मंदिर: वृंदावन के राधा दामोदर मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के पैरों के निशान पाए जाते हैं।
10. यमुना नदी : वृन्दावन यमुना नदी से तीन ओर से घिरा हुआ है।
वृन्दावन में घूमने योग्य स्थान Places to Visit in Vrindavan
1. गोपेश्वर मन्दिर: जब श्री कृष्ण रास लीला कर रहे थे तो उसमे भगवन शिव गोपी का रूप धारण करके उसका आनंद लेने आए थे। श्रीकृष्ण ने उनको पहचान लिया और गोपेश्वर नाम से पुकारा और अपने पास बुला लिया था
2. राधा रमण मंदिर: यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यहाँ पर राधा रानी के साथ भगवान कृष्ण की मूर्ति है। यह जटिल वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
3. लाला बाबू का मन्दिर: यह मन्दिर मुर्शीदाबाद के ज़मीदार श्री कृष्ण चन्द्र ने सम्मत् १८६६ में बनवाया था। श्री कृष्ण चन्द्र को ही लाला बाबू कहा जाता है। मन्दिर में देवमूर्ति बहुत सुन्दर है।
4. आईएसकॉन मंदिर (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज): वृंदावन के परिधि में स्थित, यह दैनिक कीर्तन (भक्ति गान) और भगवद गीता की शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध है।
5. गोविन्द देव मंदिर: यह जयपुर के राजा मान सिंह द्वारा बनाया गया है, यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
6. श्री राधा वल्लभ मंदिर: यह मंदिर राधा कृष्ण के एक रूप को समर्पित है।
7. राधा रमण जी का मन्दिर: इस मन्दिर में गुसाइयों की पूजा होती है और बहुत सारे बंगाली शिष्य रहते हैं।
8. गोवर्धन पर्वत: वृंदावन से थोड़ी दूरी पर स्थित यह पर्वत भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है। इस पर्वत की परिक्रमा का विशेष महत्व है।
9. गोपेश्वर महादेव मंदिर: यह मंदिर गोपियों द्वारा भगवान कृष्ण के लिए निर्मित किया गया था। यहाँ पर गोपेश्वर शिवलिंग है, जो कृष्ण भक्ति में भ्रमण करने वाले शिव को समर्पित है।
10. महारास मंदिर (प्रेम मंदिर): यह मंदिर भगवान कृष्ण के महारास लीला से जुड़ा है। यहाँ भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच महारास लीला का चित्रण किया गया है।
वृंदावन घूमने का सबसे अच्छा समय
वृंदावन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। इस समय वृंदावन का मौसम सुहावना और शांत होता है, और यहाँ का वातावरण भी आरामदायक होता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, होली और दीपावली जैसे धार्मिक त्योहारों के समय भी वृंदावन भ्रमण के लिए अच्छा होता है, जब यहाँ के मंदिर और स्थलों में विशेष आयोजन होते हैं।
प्रमुख शहरों से वृंदावन की दूरी
1. दिल्ली से वृंदावन: लगभग 144 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 4 घंटे की यात्रा है।
2. कोलकाता से वृंदावन: लगभग 1327 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 19 घंटे की यात्रा है।
3. लखनऊ से वृंदावन: लगभग 371 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 6 घंटे की यात्रा है।
4. मुंबई से वृंदावन: लगभग 1285 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 22 घंटे की यात्रा है।
5. चंडीगढ़ से वृंदावन: लगभग 400 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 8 घंटे की यात्रा है।
6. गाजियाबाद से वृंदावन: लगभग 153 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 3 घंटे की यात्रा है।
7. हैदराबाद से वृंदावन: लगभग 1391 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 23 घंटे की यात्रा है।
8. पुणे से वृंदावन: लगभग 1304 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 23 घंटे की यात्रा है।
9. चेन्नई से वृंदावन: लगभग 2037 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 34 घंटे की यात्रा है।
10. बैंगलोर से वृंदावन: लगभग 1975 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 30 घंटे की यात्रा है।
11. इलाहाबाद से वृंदावन: लगभग 528 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 7 घंटे की यात्रा है।
12. जयपुर से वृंदावन: लगभग 231 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क मार्ग से लगभग 4 घंटे की यात्रा है।
13. कोलकाता से वृंदावन: लगभग 1327 किलोमीटर की दूरी है, जो सड़क से लगभग 19 घंटे की यात्रा है।
14. लखनऊ से वृंदावन: लखनऊ से वृंदावन की दूरी लगभग 371 किलोमीटर है, जो सड़क से लगभग 6 घंटे की यात्रा है।
15. मुंबई से वृंदावन: मुंबई से वृंदावन की दूरी लगभग 1285 किलोमीटर है, जो सड़क से लगभग 22 घंटे की यात्रा है।
वृंदावन कैसे पहुँचे (How to reach Vrindavan in hindi)
वृंदावन एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल होने के नाते, भारत के विभिन्न स्थलों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, मथुरा (जो केवल 10 किमी दूर है) । इसके कारण, वृंदावन आने वाले ज्यादातर लोग मथुरा तक रेल या सड़क से यात्रा करते हैं। यहां से वृंदावन तक पहुंचने के लिए, बसों और ऑटोरिक्शा की सुविधा भी उपलब्ध है।
फ्लाइट से वृंदावन कैसे पहुंचे
वृंदावन का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन निकटतम हवाई अड्डा आगरा में खेरिया हवाई अड्डा है, जो लगभग 55 किमी दूर स्थित है। आगरा एयरपोर्ट सीमित उड़ानों के माध्यम से भारत के प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी से जुड़ा है।
वृंदावन का निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 130 किमी दूर स्थित है।
हवाई अड्डे से वृंदावन की यात्रा के लिए, प्री-पेड टैक्सी सबसे अच्छा विकल्प हैं। यदि वैकल्पिक मोड की तलाश की जाए, तो आगरा शहर से वृंदावन के लिए बस मिल सकती है।
नजदीकी एयरपोर्ट: आगरा एयरपोर्ट (AGR) - वृंदावन से 54 किमी की दूरी पर स्थित है।
ट्रेन से वृंदावन कैसे पहुंचे (How to reach Vrindavan by Train in Hindi)
वृंदावन से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा रेलवे स्टेशन है। यहाँ से वृंदावन तक टैक्सी, ऑटोरिक्शा या बस की सुविधा उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन से वृंदावन तक की दूरी को आसानी से कवर किया जा सकता है।
बस से वृंदावन कैसे पहुंचे
वृंदावन तक कोई सीधा बस मार्ग नहीं होने के कारण, यात्री मथुरा बस स्टैंड से वृन्दावन तक पहुंचते हैं , मधुरा बस स्टैंड से वृन्दावन की दुरी लगभग 12 किमी है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) राज्य के अधिकांश प्रमुख शहरों से मथुरा के लिए नियमित बसें चलाता है।
वृंदावन में स्थानीय परिवहन
वृंदावन एक बड़ा शहर नहीं है, इसलिए ई-रिक्शा या ऑटो के माध्यम से सभी मंदिरों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। बहुत सारे मंदिर एक दूसरे के पास ही हैं इस लिए उन्हें पैदल यात्रा करके भी देखा जा सकता है।