खजुराहो पर्यटक स्थल और खजुराहो मंदिर की मूर्तियाँ – Khajuraho Tourist Places and khajuraho temple sculptures
खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित है। यह एक प्राचीन सांस्कृतिक स्थल है जिसमें अनेक प्रसिद्ध हिंदू और जैन मंदिर हैं। ये मंदिर खजुराहो नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और खजुराहो ग्रुप ऑफ मोन्यूमेंट्स में शामिल होते हैं।
खजुराहो के मंदिर अपनी कामुक मूर्तियों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, इसके अलावा शिल्पकला और वास्तुशास्त्रीय नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर चंदेल साम्राज्य के समय में 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित किए गए थे और अपनी उत्कृष्ट कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध हैं।
खजुराहो के मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध और चर्चित मंदिर लक्ष्मण मंदिर, कांडरिया महादेव मंदिर, और चित्रकूट मंदिर शामिल हैं। ये मंदिर अपने अद्भुत संरचना, आकर्षक स्थानीय कला और पुरातात्विक महत्व के लिए दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
खजुराहो मंदिर का निर्माण किसने करवाया – Who Built The Khajuraho Temple In Hindi
खजुराहो मंदिर का निर्माण चंदेल राजवंश के शासकों द्वारा किया गया था। चंदेल राजवंश मध्य प्रदेश, भारत में स्थित था और 10वीं और 11वीं शताब्दी में इसकी राजधानी महोबा थी। ये शासक धार्मिकता और कला के लिए जाने जाते थे और खजुराहो मंदिरों का निर्माण भी इन्ही के शासनकाल में हुआ था।
खजुराहो के मंदिरो का निर्माण चंदेल शासको ने 950 से 1050 ई.सा. के मध्य करवाया था। चंदेल राजवंश के शासकों ने खजुराहो में विशाल और भव्य मंदिरों का निर्माण कराया जो विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इन मंदिरों की शिल्पकला, नक्काशी, और संरचना अद्भुत है जिसे देखने दुनिया भर से लोग आते हैं।
खजुराहो की सबसे खास बाते – Interesting Facts About Khajuraho Temple In Hindi
खजुराहो मंदिर भारतीय संस्कृति और कला के एक महत्वपूर्ण धरोहर हैं जो विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ रोचक और खास बातें हैं जो खजुराहो के मंदिरों के बारे में हैं:
भव्य शिखर: खजुराहो के मंदिरों की एक विशेषता है उनके भव्य शिखरों की ऊँचाई। सभी मंदिरों के शिखर विभिन्न रूपों में बने हुए हैं और इन्हें विश्वस्तरीय वास्तुकला के उदाहरण के रूप में जाना जाता है।
खजुराहो के खजूर वृक्ष: खजुराहो का नाम इस स्थान पर पहले प्रचुरता से पाए जाने वाले खजूर के पेड़ों से आया है। मंदिरों के आस-पास इन पेड़ों के झुंड बहुत प्राचीन काल में मिलते थे, इस वजह से इसे "खजुराहो" नाम मिला ।
वास्तुकला: खजुराहो के मंदिर विभिन्न वास्तुकला शैलियों के अद्भुत उदाहरण हैं। इन मंदिरों के अर्किटेक्चरल, डिजाइन और नक्काशी में संतुलन, सुंदरता, का अद्भुत संगम है।
मूर्तियों की सजीवता: खजुराहो मंदिरों की मूर्तियां विशेष रूप से सजीवता से भरी हुई हैं। इन मूर्तियों के अंदर भावनाएं और भावों को व्यक्त करने की कला ने उन्हें अनूठा बना दिया है।
खजुराहो दशावतार मंदिर: खजुराहो में दशावतार मंदिर भी है, जो दशावतार (विष्णु के दस अवतार) की मूर्तियों को सजीव रूप से दर्शाता है।
खजुराहो अन्तर्राष्ट्रीय डांस फेस्टिवल: खजुराहो में हर साल अंतर्राष्ट्रीय डांस फेस्टिवल आयोजित होता है, जिसमें भारतीय और विदेशी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन होता है। यह एक रंगीन सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है जो खजुराहो को अनेक पर्यटकों के लिए एक खास और रोमांचक स्थल बनाता है।
खजुराहो मंदिर भारतीय इतिहास, संस्कृति और कला के अद्भुत स्थानों में से एक हैं जिन्हें देखने के लिए देश और विदेश से पर्यटक आते हैं। इसके मंदिरों की विशेषता और संस्कृतिक महत्व को समझकर आपको खजुराहो का भ्रमण करना चाहिए।
खजुराहो मंदिर की मूर्तियाँ - khajuraho temple sculptures
खजुराहो के मंदिरों की कला संबंधी चित्रकारी में चार पुरुषार्थों का महत्वपूर्ण प्रतीकवाद होता है, जो हिंदू धर्म में माने जाने वाले चार जीवन के उद्देश्यों को प्रदर्शित करते हैं - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष
धर्म: धर्म नैतिकता, धार्मिक दायित्वों, और धार्मिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। धर्म के पुरुषार्थ में, मंदिरों की कला में ऐसे कलाकृति दिखाई गई हैं जो नैतिकता, धर्मिक कर्तव्यों का पालन, और धार्मिक मूल्यों को प्रमुखता देते हैं।
अर्थ: अर्थ धन, समृद्धि, और सफलता की खोज का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिरों की कला में ऐसे सीन दिखाए गए हैं जो व्यापार, अर्थव्यवस्था, और समृद्धि से संबंधित होते हैं।
काम: काम प्रेम, इच्छा, और भौतिक आनंद का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिरों की कला में ऐसी कलाकृति दिखाई गई हैं जो मानव भावनाओं, प्रेम, और संभोग को व्यक्त करते हैं।
मोक्ष: मोक्ष मुक्ति या आध्यात्मिक उद्धार का प्रतिनिधित्वकरता है, जो मनुष्य जीवन का अंतिम उद्देश्य होता है। मंदिरों की कला में ऐसे सीन दिखाए गए हैं जो विभिन्न पुराणिक कथाओं के माध्यम से आध्यात्मिक उद्धार के मार्ग को प्रस्तुत करते हैं।
इसके अलावा, खजुराहो के मंदिरों में से छह मंदिर भगवान शिव को, आठ मंदिर भगवान विष्णु और उनके संबंधित अवतारों को, एक मंदिर भगवान गणेश को, एक मंदिर सूर्य देवता को और तीन मंदिर जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं।
खजुराहो मंदिर - khajuraho temple
इन मंदिरों की सबसे खास बात हैं इनकी सुंदर और जटिल नक्काशी। इन मंदिरों के दीवारों पर अद्भुत कलाकृति के द्वारा विभिन्न देवीदेवताओं, दिव्य नर्तकियों, पशुओं, और कामुक सीनों को दर्शाया गया है।
खजुराहो मंदिरों में धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष जैसे मानव जीवन के चार पुरुषार्थों का प्रतीक के रूप में दर्शाया भी गया है। ये मंदिर भारतीय धरोहर और कला के प्रमुख भाग माने जाते हैं और विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इन मंदिरों की सुंदरता और इतिहासिक महत्व के कारण, खजुराहो मंदिरों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी घोषित किया गया है।
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो, मध्य प्रदेश – Kandariya Mahadev Temple Khajuraho In Hindi
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो, मध्य प्रदेश:
यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो खजुराहो के ग्रुप ऑफ मोन्यूमेंट्स में शामिल है, जो कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण खजुराहो के चंदेल राजवंश के शासक विद्याधर द्वारा 11वीं शताब्दी में किया गया था। यह शिखरवान मंदिर खजुराहो के सबसे बड़े और सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है।
इस मंदिर की सुंदरता और कलात्मक नक्काशी की विशेष रूप से प्रशंसा की जाती है। इसके शिखर की ऊंचाई लगभग 31 मीटर है और वह नागर शैली में बना हुआ है, जिसमें चार छोटे-छोटे शिखर सम्मिलित होते हैं।
मंदिर की दीवारें मूर्तियों से सजी हुई हैं जो भगवान शिव, देवी पार्वती, विष्णु, देवी लक्ष्मी, ब्रह्मा, सरस्वती और अन्य देवताओं को दिखाती हैं। मंदिर के भीतर भी अनेक विशाल और आकर्षक मूर्तियां हैं जो आकर्षण प्रदान करती हैं।
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो – Lakshman Temple Khajuraho In Hindi
लक्ष्मण मंदिर विशालकाय और सुंदर मंदिर वास्तुकला की अद्भुत उपलब्धि का एक उदाहरण है। यह मंदिर चंदेल राजवंश के राजा यशोवर्मन द्वितीय द्वारा बनवाया गया था और इसका निर्माण लगभग 10वीं शताब्दी में हुआ था।
लक्ष्मण मंदिर की संरचना नागर शैली की है जिसमें शिखर के शिखरों की ऊँचाई को ध्यान में रखते हुए जागतिक शैली की भी ख़ासियत है। मंदिर की दीवारों पर अद्भुत शिल्पकला से सजे सौंदर्य और शोभा का प्रतीक है, जिनमें भगवान विष्णु और उनके विभिन्न अवतारों की मूर्तियां उपस्थित हैं।
चित्रगुप्त मन्दिर (सूर्य मंदिर) खजुराहो – Chitragupta Temple Khajuraho In Hindi
इस मंदिर का नाम चित्रगुप्त इस लिए रखा गया क्युकि इस मंदिर में आपको चित्रगुप्त कि प्रतिमा देखने के लिए मिलती हैं। चित्रगुप्त इंसान के कर्मो का लेखा-जोखा रखते है। यह मंदिर चंदेल राजवंश के राजा यशोवर्मन प्रथम द्वारा बनवाया गया था और इसका निर्माण लगभग 11वीं शताब्दी में हुआ था।
चित्रगुप्त मंदिर की संरचना नागर शैली में बनी हुई है और इसके शिखर की ऊँचाई लगभग 31 मीटर है। मंदिर की दीवारों पर भगवान सूर्य देव के अलावा विभिन्न देवी-देवताओं, यक्ष, यक्षिणियों और अन्य प्राचीन संस्कृति से संबंधित अध्यात्मिक मूर्तियां उपस्थित हैं।
चित्रगुप्त मंदिर के पास के परिसर में भी विभिन्न मंदिरों के अवशेषों का अवलोकन किया जा सकता है, जो इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व को और भी बढ़ाते हैं।
देवी जगदम्बा मंदिर - Devi Jagdamba Temple Khajuraho In Hindi
यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है। यह मंदिर पार्वती माता को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में पार्वती माता की प्रतिमा देखने को मिलती है। मगर मूलतः यह एक विष्णु मंदिर था और यहाँ विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित थी। 1880 में छतरपुर के राजा ने मनियागढ़ से पार्वती माता की मूर्ति यहां लाकर स्थापित कर दी। इसलिए यह मंदिर पार्वती मंदिर या देवी जगदंबा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। देवी जगदंबा मंदिर की निरंधार शैली और उसमें मौजूद चार भाग इसके विशेषता को बढ़ाते हैं। यहां पर आपको अर्धमंडप, महामंडप, अंतराल और गर्भगृह का दर्शन होता है। इस मंदिर में परिक्रमा पथ नहीं है, इसलिए यात्रियों को अपनी प्रदक्षिणा करने की सुविधा नहीं होती है। मंदिर के अंदर के मंडप में आपको हवन कुंड देखने को मिलता है, जिसमे हवन किया जाता है।
चतुर्भुज मंदिर खजुराहो – Chaturbhuj Temple Khajuraho Madhya Pradesh In Hindi
चतुर्भुज मंदिर खजुराहो, मध्य प्रदेश, भारत का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह खजुराहो नगर निगम से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है और खजुराहो के अन्य मंदिरों के नजदीक है।
चतुर्भुज मंदिर का निर्माण मध्यकालीन काल में, लगभग 9वीं या 10वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर की मुख्यता उसके चौबीसीखंडी शिखर में है, जो इसे बहुत खास बनाता है।
चतुर्भुज मंदिर को विष्णु भगवान के चारभुजा रूप में समर्पित किया गया है और इसे 'चारों ओर से देखने वाला मंदिर' भी कहा जाता है। मंदिर का अर्चिटेक्चर विशेषता से भरा हुआ है। , इसके भव्य स्तंभों, मूर्ति-गणपति, नवग्रह और गौरीशंकर की विशाल मूर्तियों की आकृतियों के कारण प्रसिद्ध है।
यह मंदिर खजुराहो के पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध होने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, स्थानीय धरोहर और वास्तुकला के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के बीच भी इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां प्रतिवर्ष बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो स्थानीय और अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
खजुराहो पुरातत्व संग्रहालय - Khajuraho Archaeological Museum in hindi
खजुराहो पुरातत्व संग्रहालय में भारतीय संस्कृति, वास्तुकला, और इतिहास से जुड़े कई प्राचीन अवशेषों को देखा जा सकता है। यहां चित्रणीय प्राचीन मूर्तियों, प्राचीन वस्तुएं, शिलालेख, और विभिन्न कालक्रमों में निर्मित प्राचीन वस्त्र आदि की प्रदर्शनी की जाती है।
खजुराहो के संग्रहालय में स्थानीय और आधिकारिक भाषा में गाइडेड टूर भी उपलब्ध होते हैं, जिससे पर्यटकों को विभिन्न विषयों पर जानकारी मिलती है और उन्हें खजुराहो के इतिहास, संस्कृति, और पुरातत्व के प्रति अधिक ज्ञान प्राप्त होता है।
खजुराहो पुरातत्व संग्रहालय का दौरा करना खजुराहो यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भारतीय संस्कृति और इतिहास के शौकीन लोगों को आकर्षित करता है और उन्हें प्राचीन समय की भारतीय सभ्यता के विविध पहलुओं के प्रति अधिक जानने का अवसर प्रदान करता है।
साउंड एंड लाइट शो - Sound and light show in hindi
खजुराहो के चंदेलकालीन मंदिरों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किये जाने के बाद, भारतीय पुरातत्व विभाग और मध्य प्रदेश पर्यटन निगम इन मंदिरों को और अधिक सुंदर और आकर्षक बनाने के प्रयासरत हैं। इसी उद्देश्य के साथ, खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में प्रतिदिन होने वाले लाइट एंड साउंड शो को नवीनीकरण किया गया है। इस नये शो में 3D प्रोजेक्शन मैपिंग और एलईडी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए शो की स्क्रिप्ट भी दोबारा तैयार की जाएगी।खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह परिसर में वर्ष 2000 ईसवी में कन्वेंशनल लाइट और साउंड शो की शुरुआत हुई थी। यह तकनीक उस समय से अब पुरानी हो चुकी है और अब इसमें नई आधुनिक तकनीक, जैसे कि थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग और एलईडी जैसे प्रकाशकों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह नवीनीकृत तकनीक शो को और भी रोचक और आकर्षक बनाने के लिए इस्तेमाल होगी।
दुलादेव मन्दिर - Duladeo Temple in hindi
दुलादेव मन्दिर, जिसे कुछ लोग दुल्हादेव मन्दिर भी कहते हैं। यह मंदिर मूलतः भगवान शिव के लिए बनाया गया है।
दुलादेव मन्दिर का निर्माणकाल लगभग 1000-1050 ईसा पूर्व है। मंदिर की शैली निरन्धार हिन्दू मन्दिर स्थापत्यकला है। इसे चंदेल राजवंश द्वारा बनवाया गया था।
मंदिर में सुंदर प्रतिमाएं स्थापित हैं। इसमें गंगा की चतुर्भुज प्रतिमा बहुत ही सुंदर ढंग से बनी हुई है। इस प्रतिमा की विशेषता उसके आकर्षक और प्रभावशाली ढंग से बनने के कारण इसे बहुत ख़ास माना जाता है।
दुलादेव मन्दिर के गर्भगृह में शिवलिंग और योनि-वेदिका स्थापित है। मंदिर के भीतर-बाहर कई सुंदर एवं आकर्षक स्कुल्प्चर विद्यमान हैं, जो इसे और भी उत्कृष्ट बनाते हैं। मंदिर के विभिन्न भागों में अप्सराएं, नारियों, घोड़े, योद्धा और सामान्य जीवन के दृश्य अंकित किए गए हैं।
इस मंदिर के पत्थरों पर "वसल' नामक कलाकार का नाम अंकित है, जिसने इसे ख़ास बनाने के लिए अपनी कला का उपयोग किया था।
दुलादेव मन्दिर खजुराहो की विशेषता यह है कि यहां की प्रतिमाएं दो-दो, तीन-तीन की टोलियों में अंकित हैं, जिससे यह मंदिर अन्य मंदिरों से अलग और विशेष होता है।
पन्ना नेशनल पार्क – Panna National Park In Hindi
पन्ना नेशनल पार्क एक अद्भुत जगह है जहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है और टाइगर और अन्य वन्यजीवन को देखने का अवसर मिलता है। खजुराहो के भव्य मंदिरों के बाद पन्ना नेशनल पार्क का दौरा करना आपके यात्रा को और भी स्पेशल बना देगा। सफारी राइड को ऑनलाइन बुक करने से आपको आने जाने के समय में आसानी होगी । पन्ना टाइगर पार्क के दर्शनीय स्थलों का आनंद लें और अपने सफल सफारी के अनुभव को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें।
रनेह फॉल्स – Raneh Water Falls In Hindi
रनेह जलप्रपात खजुराहो से 21 कि. मी. कि दुरी पर स्थित है और पन्ना से 43 कि. मी. कि दुरी पर स्थित है। यह छतरपुर जिले के अंतर्गत आता है खजुराहो के पास होने के कारण खजुराहो यात्रा का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। इसकी प्राकृतिक सौंदर्यता और वातावरण इसे एक अनोखा स्थान बनाते हैं जो प्राकृतिक सुंदरता के शौकीन और पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसे बारिश के मौसम में जाना और सूर्योदय और सूर्यास्त का समय देखना इसे और भी आकर्षक बना सकता है।
कालिंजर दुर्ग खजुराहो – Kalinjar Fort Khajuraho In Hindi
कालिंजर का किला उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जिले में स्थित है और विंध्य पर्वत श्रेणी पर बना हुआ है। । यह खजुराहो से 101.2 कि.मी.कि दूरी पर है। यहाँ के शिव मंदिर के बारे में मान्यता है कि समुद्र मंथन से निकले हुए कालकूट विष को पीने के बाद भगवान शिव ने यहाँ तपस्या करके उस विष कि ज्वाला को शांत किया था। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा को एक मेला लगता है जो यहाँ का प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम है। कालिंजर का इतिहास बहुत पुराना है और इसे कई शासकों और राजवंशों ने संभाला है जिनमे 10 वीं शताब्दी में राजपूत, सोलंकिया और चंदेला शामिल है। इस किले में कई मंदिर हैं जो कि अनुमानतः तीसरे से पांचवी शताब्दी के हैं।
अजय गढ़ का किला पन्ना जिला – Ajaigarh Fort In Hindi
अजयगढ़ का किला खजुराहो से 80 कि. मी. कि दुरी पर स्थित है। किले का रचनात्मक निर्माण विशालकाय पत्थरों से किया गया है जो इसे एक दृढ़ और अटूट संरचना बनाते हैं। यह किला समुद्र तल से लगभग 1744 फीट (531 मीटर) और धरातल से लगभग 860 फीट (262 मीटर) ऊंचाई पर स्थित है। इस किले में ऊपर जाने के लिए दो मार्ग है - पूर्वी दिशा से जाने वाला रास्ता और उत्तरी दिशा से जाने वाला रास्ता। किले के ऊपर जाने के लिए लगभग 500 सीढिया बनाई गई है, इसलिए ये चढ़ाई थोड़ी मुश्किल हो सकती है। हालाकि , ऊपर पहुंचने के बाद आपको बहुत ही सुन्दर दृश्य देखने को मिलेगा।
खजुराहो कब जाना चाहिए – Best Time To Visit Khajuraho In Hindi
खजुराहो जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी का समय होता है इस समय खजुराहो में सर्दियों का मौसम होता है और पर्यटन गतिविधियां खासकर मंदिर भ्रमण के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। खजुराहो में हर साल फरवरी में खजुराहो नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है जो आपकी खजुराहो यात्रा को यादगार बनाएगा।