चित्रकूट में घूमने योग्य मंदिर और स्थल | मध्य प्रदेश पर्यटन

 चित्रकूट में घूमने योग्य मंदिर और स्थल

Temples and places worth visiting in Chitrakoot.


चित्रकूट एक धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है। यह उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में स्थित है और मध्यप्रदेश के सतना जिले से सम्बद्ध है। चित्रकूट को तीर्थों का तीर्थ माना जाता है, जो विंध्य पर्वत श्रंखला से घिरा हुआ है और मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है। इस स्थान पर त्रेता युग में भगवान श्रीराम, भगवान लक्ष्मण, और माता सीता ने 11 वर्षों का आवास किया था, जैसा कि वेद, पुराण, और इतिहास में बताया गया है।


चित्रकूट का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण और आकर्षक है। यहाँ की सुंदरता और शांति हमेशा लोगों को आकर्षित करती रहती है। मंदाकिनी नदी का किनारा आपको रामायण के कई प्रसिद्ध किस्सों कि याद दिलाते है।


चित्रकूट में कई पवित्र स्थल हैं जैसे कि हनुमान ध्वज, कामाधेनु तालाब, सती अनसुइया कुंड, गुप्तघाट, और राम घाट। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व लोगों को अपनी ओर खींचते है।


चित्रकूट का यह संयोग धार्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्वितीय मेल है। यहाँ के दर्शनीय स्थल और शांतिपूर्ण वातावरण आत्मा को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। चित्रकूट का दौरा करके आप न केवल अपने मन को शांत करते हैं, बल्कि आप धार्मिकता और आत्मा के निर्माण में भी सहायक होते हैं।


राम घाट (Ram Ghat)

Ramghat-Chitrakoot



रामघाट: धार्मिकता और शांति का संगम स्थल है। 

रामघाट मंदाकिनी नदी (Mandakini River) के किनारे स्थित है, जहाँ प्रभु राम नित्य स्नान करते थे, इसलिए इसे एक पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ पर हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित है।

रामघाट पर सजाए गए सुंदर नावों पर बैठकर, आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं। इस स्थल पर आपको आत्मिक शांति का अनुभव होता है, खासकर शाम के समय जब यहाँ का माहौल और भी आध्यात्मिक हो जाता है। साधु-संत यहाँ आकर भजन-कीर्तन करते हैं, जिससे आपका मन और आत्मा पवित्रता का अनुभव करते हैं।

रामघाट एक स्थान है जहाँ आपको धार्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम मिलता है। यहाँ आने से आप न केवल शारीरिक आराम प्राप्त करते हैं, बल्कि आपका मन भी शांत होता है।

कामदगिरि (Kamadgiri)


कामदगिरि: मनोकामनाओं की पूर्ति का स्थल

कामदगिरि (Kamadgiri) पर्वत को अपनी धार्मिक महत्ता से युक्त माना जाता है। इस पर्वत की परिक्रमा करके लोग अपनी मनोकामनाओं कि पूरी होने की आशा करते हैं। यह परिक्रमा मार्ग उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित है।

कामदगिरि पर कई मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं कामतानाथ और भरत मिलाप मंदिर। भरत मिलाप मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहाँ भरत, भगवान राम से मिलने आए थे, जब वे अपने वनवास के समय में थे, और उन्होंने भगवानराम को अयोध्या (Ayodhya) वापस चलने के लिए आग्रह किया था।

हनुमान धारा  (Hanuman dhara) 


हनुमान धारा (Hanuman dhara) एक पहाड़ी पर स्थित है, जहाँ एक धारा सामने बने तालाब मे लगातार गिरती रहती है और इस स्थान मे हनुमान जी कि एक बड़ी सी मूर्ती भी है। इस स्थान पर बहुत सारे लंगूर भी होते हैं। 

हनुमान धारा से चित्रकूट का दृश्य बहुत ही सुंदर लगता है। यहाँ पहाड़ी के शिखर पर सीता रसोई भी है, जो इस स्थान को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

गुप्त गोदावरी (Gupt Godavari)


गुप्त गोदावरी (Gupt Godavari) : अद्वितीय गुफाओं का रहस्यमय स्थल

गुप्त गोदावरी चित्रकूट से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहाँ दो गुफाएं हैं। इन गुफाओं में प्रवेश करना एक रोमांचक अनुभव है, क्योंकि रास्ता बहुत ही संकरा है। गुफाओं में हमेशा पानी होता है, और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, पानी का स्तर बढ़ता जाता है। गुफा के अंदर एक कुंड होता है जहाँ से पानी की धारा निकलती है, जिसे गुप्त गोदावरी के नाम से जाना जाता है।

गुप्त गोदावरी एक अद्वितीय स्थल है, उन लोगों के लिए जो रोमांचक अनुभव प्राप्त  करना चाहते है जो इसकी  गहराईयों में प्रवेश करने का साहस करते हैं। इसका दर्शन करना वास्तव में एक अनूठा अनुभव है। 

भरत कूप (Bharat koop) 


भरत कूप (Bharat koop) के बारे में एक प्राचीन कथा है, जिसके अनुसार जब भरत जी प्रभु श्री राम को अयोध्या वापस ले जाने के लिए आये, तो राम के राज्याभिषेक के लिए सभी नदियों का जल लाए थे लेकिन जब प्रभु श्री राम ने अयोध्या जाने से माना कर दिया , तो इस जल को अत्रि ऋषि के कहने पर चित्रकूट के एक कुएँ में डाल दिया गया था। यह कुआँ आज भरत कूप के नाम से प्रसिद्ध है।

अनुसुइया अत्रि आश्रम (Anusuiya Atri Ashram)


अनुसुइया अत्रि आश्रम (Anusuiya Atri Ashram) : एक प्राकृतिक आध्यात्मिक स्थल

अनुसुइया आश्रम (Anusuiya Ashram)  हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है और मंदाकिनी नदी (Mandakini River) के किनारे स्थित है। यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत है । आश्रम का प्रवेश द्वार बहुत ही भव्य है, और यहाँ पर सूर्य की रथ पर बड़ी सी मूर्ति स्थापित है जो बहुत ही सुंदर दिखती है। आश्रम के अंदर रामायण के समय के दृश्यों को बहुत ही आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

स्फटिक शिला  (Sphatik Shila)


स्फटिक शिला (Sphatik Shila) : रामायणीय धरोहर का अमूल्य अंग

स्फटिक शिला जंगल के बीच मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित एक छोटा सा शिलाखंड है, जिसके बारे में  मान्यता है कि यहाँ बैठकर राम और सीता चित्रकूट की सुंदरता को देखते थे।

इस स्थान से जुड़ी एक अन्य कथा है कि जब राम और सीता यहाँ बैठे थे, तो इंद्र के पुत्र जयंत ने कौए के रूप में सीता को चोंच मारी थी, जिससे राम क्रोधित हो गए और उन्होंने उसकी एक आँख अंग भंग करके उसको मोक्ष प्रदान किया था।

स्फटिक शिला एक ऐतिहासिक स्थल है जो रामायणीय कथाओं और धारोहर के रूप में अमूल्य महत्त्व रखता है। 

जानकी कुंड  (Janki Kund)


जानकी कुंड (Janki Kund) स्फटिक शिला के पास स्थित है और यह जंगलों से घिरा हुआ है। इस स्थान के बारे में मान्यता है कि माता सीता वनवास के समय चित्रकूट में रहते समय यहाँ नहाती थीं। यहाँ पास में एक मंदिर भी है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है और इसे देखने में काफी आनंद आता है।

चित्रकूट की धार्मिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता को यहाँ आकर ही महसूस किया जा सकता है। इस स्थान का वातावरण आपको मनमोहक और चित्त को शांत करने वाला लगेगा। यहाँ आने से आप प्राचीन समय में ऋषि मुनियों की अनेकों कथाओं से परिचित होंगे।

चित्रकूट में ये करना न भूले 


मंदाकिनी घाटों का दर्शन: मंदाकिनी नदी के घाट चित्रकूट के प्रमुख आकर्षण स्थल हैं।

राम घाट और लव-कुश की आरती: राम घाट पर सन्निहित मंदिर में लव-कुश की आरती को देखना एक अनूठा अनुभव होता है।

कामदगिरि परिक्रमा: कामदगिरि पर्वत का परिक्रमण करना चित्रकूट की यात्रा का अभिन्न अंग है।

रामघाट नौकाविहार: रामघाट पर नौका विहार करें, कामदगिरि की परिक्रमा करें, गुप्त गोदावरी का दर्शन करें, और अपने यात्रा के लिए फोटोग्राफी करें।

चित्रकूट जाने का सबसे अच्छा समय


चित्रकूट जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है। इस समय यहाँ मौसम काफी सुहावना होता है।  गर्मियों के मौसम में यहाँ पहाड़ गर्म हो जाते है जिस वजह से यहाँ का वातावरण काफी गर्म हो जाता है इस लिए गर्मियों के मौसम में यहाँ मत जाइये।  

चित्रकूट में धर्मशाला


चित्रकूट में बहुत सी धर्मशालाऐ है। 

1 कलकत्ता वाली धर्मशाला

2 माँजी की धर्मशाला

3 आगरा वालों की धर्मशाला

4 तुमसर धर्मशाला

5 श्रीराम धर्मशाला

6 राठी की कोठी धर्मशाला

इनके अलावा, चित्रकूट में अन्य जातीय धर्मशालाओं की भी व्यवस्था है। यहाँ पर्यटकों को आरामदायक और साफ-सुथरे आवास की सुविधा मिलती है। अतिथिगृह में  'जयपुरिया भवन' और पर्यटन विभाग का 'यात्रीगृह' भी यहाँ पर सुविधाएं प्रदान करते हैं।


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